Madhuban
आबू रोड : महिला सशक्तिकरण से सामाजिक बदलाव विषय पर आयोजित राष्ट्रीय महिला कन्वेशन का समापन
महिला सशक्तिकरण से सामाजिक बदलाव विषय पर आयोजित राष्ट्रीय महिला कन्वेशन का समापन हो गया। इस सम्मेलन में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्या चन्द्रमुखी ने कहा कि देश व दुनिया में महिलाओं के प्रति हो रही घटनायें चिंतनीय है। सख्त कानून तो बने ही साथ ही लोगों के मानसिक स्तर बदलने के लिए सकारात्मक सोच अभियान चलाये जाने की जरूरत है। उक्त उदगार राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्या चन्द्रमुखी ने व्यक्त किये। वे ब्रह्माकुमारीज संस्थान में आयोजित सम्मेलन को सम्बोधित कर रही थी।
उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले निर्भया कांण्ड हुआ था। उस दौरान सख्त कानून भी बनाये गये लेकिन इसके बावजूद भी इस तरह की घटनायें रूकने का नाम नहीं ले रही हैं। अभी हॉल में हैदराबाद में महिला चिकित्सक के साथ हुई घटना ने पूरे समाज को शर्मशार किया है। ऐसे में हर मातपिता को अपने बच्चों की परवरिश में इसके प्रति सजगता रखने की आवश्यकता है। ब्रह्माकुमारीज संस्थान पूरे विश्व में संचालित है। यहॉं सेवाकेन्द्रों पर रहने वाली बहनों ने लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है।
निर्भया वाहिनी दिल्ली की संस्थापक मानसी प्रधान ने कहा कि अब तो बेटी जब घर से बाहर जाती है तो तब तक डर लगता है जब तक कि वह घर लौट ना आये। दिन प्रतिदिन बढ़ती घटनायें आसुरीयता का ऐसा दृष्य प्रस्तुत कर रही है जिसके बारे में हम सभी को सोचने की आवश्यकता है। आज मनुष्य हैवान बनता जा रहा है। संस्कारों का अभाव ही ऐसे स्थितियों को जन्म दे रहा है। सख्त कानून बनाये जाये लेकिन इसके साथ ही दूसरे विकल्पों पर भी विचार करने की जरूरत है।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज संस्थान के महिला प्रभाग की अध्यक्षा राजयोगिनी बीके चक्रधारी ने कहा कि नारी एक शक्ति है। इतिहास गवाह रहा है कि उसने आसुरी प्रवृतियों का हमेशा सर्वनाश किया है। आज भी वह शक्ति स्वरूप बनें। जिससे किसी भी असुरी स्वभाव वाले की हिम्मत ना पड़े कि वह आंख उठाकर देख सके। ब्रह्माकुमारीज बहनों ने पूरे विश्व में लाखों लोगों की जिन्दगी मूल्यों से संवारा है। साथ ही कड़े कानून बनाये जाये कि लोग इससे डरें। परन्तु यदि स्त्री और पुरूष दोनो ही राजयोग ध्यान और आध्यात्मिकता को जीवन में उतारने का प्रयास करें तो निश्चित तौर पर इससे अच्छा समाज बनेगा।
देश की पहली महिला कमांडो प्रशिक्षक तथा मोटिवेशनल स्पीकर डॉ सीमा राव ने कहा कि महिला इतनी सक्षम है कि वह अपनी रक्षा खुद ही कर सकती है। महिला अपने को ऐसे तैयार करे कि किसी भी आसुरी वृत्ति वाले की नजर तक ना उठे। नारी ही दुर्गा और काली बनी है। इसलिए नारी को हतोत्साहित नहीं बल्कि खुद को शक्ति स्वरूप बनाने का प्रयास करे। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज जयपुर सबजोन प्रभारी बीके सुषमा, बीके शारदा, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अनुपम, मीडिया प्रभाग के अध्यक्ष बीके करूणा समेत कई लोगों ने अपने अपने विचार व्यक्त किये।
गौरतलब है कि इस सम्मेलन का उदघाटन देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने उदघाटन किया था। जिसमें देशभर से करीब 5 हजार लोगों ने भाग लिया था।