माउंट आबू, 20 अप्रेल। अंतराष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर, अवेकनिंग विद् ब्रह्माकुमारीज फेम बीके शिवानी बहन ने कहा कि जरूरत से अधिक अनावश्यक रूप से आधुनिक साधनों का उपयोग सेहत के लिए घातक बनता जा रहा है। जिससे मनुष्यों को कई प्रकार की तनावजन्य व्याधियों का शिकार होना पड़ रहा है। संसाधनों का उपयोग करते हुए अपने श्रेष्ठ संस्कारों को नहीं भूलना चाहिए। यह बात उन्होंने शनिवार को ब्रह्माकुमारी संगठन के ज्ञान सरोवर अकादमी परिसर में सूचना तकनीकी सेवा प्रभाग सम्मेलन के उदघाटन सत्र में कही।
ब्रह्माकुमारी संगठन के आस्ट्रेलिया सेवाकेंद्रों की प्रभारी, ज्ञान सरोवर अकादमी निदेशिका राजयोगिनी डॉ. निर्मला ने कहा कि सूचना संप्रेषण संसधानों की बदौलत समूचा संसार एक गांव की तरह बन गया है। एक सेकेण्ड में ही कोई भी सूचना संसार के दूसरे छोर पर पहुंच जाती है। लेकिन उससे भी महत्वपूर्ण है मानव की संकल्प शक्ति। जो प्रकृति को भी प्रभावित करती है। संकल्प शक्ति को किसी भी हालत में व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए।
संगठन के मल्टीमीडिया प्रभाग प्रमुख बीके करूणाकर शेट्टी ने कहा कि संकल्प शक्ति के आगे संसार की सभी शक्तियां गौण हो जाती हैं। यदि संकल्प शक्ति के महत्व को जानकर उसे कार्य में लगाया जाए तो उसके सुखद परिणाम प्राप्त होंगे।
ट्रांसफॉर्मेशन सीरेस सॉफटवेयर के वाईस पे्रजीडेंट बाला किशोर ने कहा कि अध्यात्म के बिना विज्ञान अधूरा है। अध्यात्म को जीवनचर्या में शामिल करना जरूरी है। साईंस ने जहां संसार को जोडऩे का कार्य किया है वहीं पारिवारिक व्यवहार व आपसी संबंधों में दूरियां भी बनाई हैं।
आईटी प्रभाग मुख्यालय संयोजक बीके यशवंत ने कहा कि आध्यात्म और विज्ञान के समन्वय से भारत को फिर से स्वर्ग सा सुखमय बनाने के निण् अध्यात्म पे्रमियों के सहयोग की आज नितांत आवश्यकता है जिनके अतंर्मन में निस्वार्थ सेवाओं की भावना कूटकूट कर भरी हो। और यह कार्य तभी संभव होगा जब परमात्मा की सच्ची पहचान मिलेगी और मनुष्य परमात्मा से संबंध जोड़ेगा।
सम्मेलन में बड़ी संख्या में देश के विभिन्न हिस्सों से आईटी क्षेत्र से जुड़े सहभागी उपस्थित थे।