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Mt Abu – ​कला एवं संस्कृति प्रभाग का राष्ट्रीय सम्मेलन आरंभ-National Conference for Artists Begins

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परम कलाकार परमात्मा भरता है आत्मा में संगीत 
कला एवं संस्कृति प्रभाग का राष्ट्रीय सम्मेलन आरंभ
माउंट आबू। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ज्ञान सरोवर अकादमी परिसर में कला एवं संस्कृति सेवा प्रभाग के बैनर तले शांत व आंनदमय जीवन की ओर कलाकार विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन आरंभ हुआ।
सम्मेलन के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री प्रतिमा कानन ने कहा कि परमात्मा परम कलाकार है जो आत्मा में संगीत भरता है। कलाओं में निखार लाने के लिए ब्रह्माकुमारी संगठन द्वारा प्रशिक्षित राजयोग मनोबल को बढ़ाता है। जिससे मन की क्षमताओं का विकास होता है। उन्होंने ब्रह्माकुमारी संस्था के संपर्क में आने का अनुभव सांझा करते हुए कहा कि जीवन की वास्तविकता को मैनें यहां आकर समझा है। पवित्र संकल्पों से मन को यहां आकर बहुत सुकून मिला है। बिना ज्ञान के समय नष्ट हो जाता है।

प्रसिद्ध अभिनेत्री अरूणा सांगल ने कहा कि चरित्र को श्रेष्ठ बनाने की कला राजयोग के माध्यम से सहज ही सीख्ी जा सकती है। राजयोग से मन के अंदर छिपी कलाओं में निखार आता है। जो कर्म क्षेत्र में कार्य को बेहतर से बेहतर करने में मदद करती हैं।
आगरा से नृत्य ज्योति कत्थक केंद्र निदेशक ज्योति खण्डेलवाल ने कहा कि नृत्य का गुरु शिव को ही माना जाता है। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की शिक्षा स्वयं शिव निराकार परमात्मा की ओर से प्रदान की जाती है। जो मानव में दिव्यता भर देती है।
केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय अतिरिक्त निदेशक राजीव जैन ने कहा कि संगीत व कला का मानवीय मन पर गहरा असर होता है। मेडिटेशन भी एक कला है जो पूरी समझ के साथ किया जाए तो जीवन को कायाकल्पतरू कर देता है।
मलयाली फिल्मों की अभिनेत्री संयुक्त वर्मा ने कहा कि जीवन की समस्याओं से बचने के लिए आध्यात्मिक ज्ञान को आत्मसात करने की बहुत जरूरत है।
संगठन के शिक्षा प्रभाग अध्यक्ष बीके मृत्युजंय ने कहा कि कलाकार आने वाले समय को आकार देने योग्य होते हैं। जब हम स्वयं के सम्मान की परिभाषा को सही तरीके से जानेंगे तब ही दूसरों को दिल से सम्मान दे सकेंगे।
कत्थक नर्तक हेमंत पाण्डे ने कहा कि मन, वचन, कर्म की पवित्रता आत्मा का श्रृंगार है। बिना पवित्रता के ज्ञान को अमल में नहीं लाया जा सकता है। सकारात्मक मानसिकता के साथ दूसरों की नि:स्वार्थ सेवा की क्षमता विकसित होती है।
प्रभाग अध्यक्षा बीके कुुसुम ने कहा कि परमात्मा परम कलाकार है। जो मानव को सर्वगुण संपन्न सोलह कला संपूर्ण बनाने की शिक्षा देता है। कलाकार ऐसा वर्ग है जो समाज की हर बात को समझकर उसका सही चित्रण करता है।
मीडिया प्रभाग अध्यक्ष बीके करूणा ने कहा कि जीवन को दिव्य गुणों से सुशोभित करने की कला कलाकारों के पास होती है। कलाकार के पास हर परिस्थिति में शांत व आनंद में प्रदान की कला होती है।
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