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Brahma Kumaris

Mt. Abu – Inauguration of Dadi Janki’s Memorial- ‘Shakti Stambh’

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ब्रह्माकुमारीज की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी जी की प्रथम पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया तथा दादीजी के स्मृति में बने शक्ति स्तंभ का वरिष्ठ दादियों और भाईयों ने अनावरण किया। शनिवार को दादीजी की पुण्यतिथि वैश्विक आध्यात्मिक जागृति दिवस के रूप में मनाई गई।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज संस्थान की प्रमुख राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने अपने उद्गार व्यक्त करते कहा कि दादी जानकी समस्त विश्व के लिए नारी शक्ति के लिए प्रेरणास्रोत थी। दादी का जीवन सच्चाई, सफाई और सादगी की मिसाल रहा। दादी ने खुद के बल पर परमपिता परमात्मा शिव को साथी बनाकर अपने जीवन में त्याग, तपस्या और सेवा से सारे विश्व में राजयोग और आध्यात्मिकता का संदेश पहुंचाया। संस्थान की अतिरिक्त प्रमुख ईशु दादी ने कहा कि दादीजी के साथ बिताए अनमोल पल सदा याद आते रहेंगे। उनकी शिक्षाएं बीके भाई-बहनों का मार्गदर्शन करती रहेंगी।
यूरोप में ब्रह्माकुमारीज की निदेशिका बीके जयंती बहन ने कहा कि दादीजी के सानिध्य में बचपन से ही साथ रहने का मौका मिला। मैंने अपने जीवन में दादीजी की कई घटनाएं ऐसी देखीं हैं जब दादीजी ने जिसे जो आशीर्वाद दे दिया तो वह शब्द वरदान बन गए। रसिया में ब्रह्माकुमारीज की निदेशिकाबीके चक्रधारी बहन ने कहा कि दादीजी को परमात्मा पर इतना विश्वास था कि वह जो शब्द कहती थीं तो वह लोगों के लिए वरदान बन जाते थे।उनका जीवन बदल जाता था। इस दौरान उन्होंने दो सत्य घटनाओं को भी सुनाया।
 
अफ्रीका देशों में ब्रह्माकुमारीज की निदेशिका बीके वेदांती बहन ने कहा कि दादी जानकीजी को परमात्मा पर विश्वास और आत्मबल इतना मजबूत था कि पहली बार अकेले ही विदेश यात्रा पर गईं थीं। वहां उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में आध्यात्मिकता और राजयोग का संदेश लोगों तक पहुंचाया। उनकी मेहनत से लंदन में ग्लोबल को-ऑपरेशन हाऊस रिट्रीट सेंटर की स्थापना की गई जो आज हजारों लोगों के लिएआध्यात्म का केंद्र बन गया है। दादी कहती थीं कभी भी छोटा दिल नहीं करना चाहिए।

संस्थान के अतिरिक्त महासचिव बृजमोहन भाई, दादी की निजी सचिव रहीं बीके हंसा बहन ने भी अपने अनुभव सुनाए।इस मौके पर संस्थान की प्रबंधिका बीके मुन्नी बहन,  महाराष्ट्र जोन की निदेशिका बीके संतोष बहन, ओआरसी गुरुग्राम की डायरेक्टर बीके आशा बहन मुख्य रूप से मौजूद रहे। संचालन बीके शारदा बहन ने किया।इस दौरान संस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारी सहित चंद लोग ही मौजूद रहे। साथ ही कोरोना गाइड लाइन का पालन किया गया।