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Haryana

Teacher-Student Relationship: Challenges and Opportunities

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Narnaul, Haryana: A seminar on Teacher-Student Relationship: Challenges and Opportunities was jointly organised by the Education Wing of RERF and the Brahma Kumaris of Narnaul. It was attended by some 800 educationists including teachers, professors, directors and chairpersons of Educational institutions such as the RPS Group of Education Institutions, the Yaduvanshi Group of Schools, C.L. Public Schools, Central University, Mahendragarh, the CISF Recruitment Training Centre and other technical institutes from Narnaul, Mahendragarh, Behror and surrounding areas.

Dr. Abhey Singh Yadav, Retired IAS, and Nangal Choudhary, MLA, Haryana Assembly, praised the activities of the Brahma Kumaris and stressed redeveloping faith in the relationship between Teachers and Students.

It was a grand program wherein BK Usha, Senior Rajyoga Teacher, Mount Abu, was the key-note speaker. She explained the importance of Spiritual Education and the Spiritual Teacher God Shiva, and how the teachings of God Shiv enable individuals to experience positive change for a happy and prosperous life. The deliberations of the seminar were highly effective and well received by all the participants.

In Hindi:

नारनौल: महेंद्रगढ़ जिले व आसपास के शिक्षा प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों तथा अध्यापकों के लिए अध्यापक- विद्यार्थी के आपसी संबंध: अवसर एवं चुनौतियाँ विषय पर आयोजित सेमिनार में बोलते हुये नांगल चौधरी हल्के के एम॰ एल॰ ए॰ डॉ॰ अभय सिंह ने कहा की गुरु-शिष्य के सम्मानित संबंध को पुनर्स्थापित करने के लिए आपसी विश्वास होना बहुत ज़रूरी है। दो पीढ़ियों के अंतर के कारण सम्बन्धों में गिरावट आ गयी है उसे मिटाने के लिए आपसी समझ को फिर से बढ़ाना होगा।

राजयोग एडुकेशन एण्ड रिसर्च फ़ाउंडेशन के शिक्षा प्रभाग एवं ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस सेमिनार में सैंकड़ों की संख्या में उपस्थित अध्यापकों, प्राध्यापकों तथा विद्यालय प्रबन्धकों, संचालकों तथा शिक्षा संस्थानों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए उन्होने कहा की शिक्षक को ईश्वर के समान दर्जा प्राप्त था क्योंकि आपसी समझ, स्नेह तथा भावनात्मक रिश्ते के आधार पर गुरुजन अपने शिष्य को आगे बढ्ने में मदद करते थे जिसकी आज कमी महसूस होती है। आध्यात्मिक शिक्षा के माध्यम से आपसी समझ को बढ़ाने के कार्य में ब्रह्माकुमारीज़ संस्था अग्रणीय है। इस संस्था के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में मूल्यों की पुनर्स्थापना का कार्य किया जा रहा है जो बहुत ही सरहनीय है।

माउंट आबु से पधारी मैनेजमेंट ट्राइनर एवं वारीशठा राजयोग शिक्षिका ब्र. कु. उषा बहन ने मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुये कहा कि शिक्षक आज भी बहुत महान है। परंतु कमी आई है तो दृष्टिकोण में, जिसके कारण विद्यार्थी व शिक्षक का आपसी विश्वास खतम हो रहा है। परमशिक्षक शिव परमात्मा हमें ऐसी श्रेष्ठ शिक्षा दे रहा है जिससे न केवल हमारा दृष्टिकोण सकारात्मक बनता है बल्कि हमारा जीवन भी महान बन जाता है।

उन्होंने दिवंगत राष्ट्रपति डा.अब्दुल कलाम का उदाहरण देते हुए बताया कि जब अब्दुल कलाम ने पैसे के अभाव में 8वीं क्लास के बाद स्कूल जाना बंद कर दिया तो उनके शिक्षक ने ही सारा खर्च उठाने की जिम्मेदारी लेकर फिर से कलाम की शिक्षा को जारी रखने के लिए तैयार किया। फिर कलाम ने भी दृढ़ संकल्प और कठीन परिश्रम के बल पर सफलता प्राप्त करके वह न केवल भारत देश में बल्कि पूरे विश्व में सर्वाधिक सम्मान प्राप्त शिक्षक बन गये।

इस सेमीनार में केन्द्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर दिनेश कुमार ने आधुनिक युग में बदलती परिस्थितियों में LAPTOP और INTER-NET के प्रयोग के बारे में बात करते हुए कहा कि वास्तव में बच्चों को गोदी (LAP) में बिठाकर प्यार से आगे बढ़ायें और अभिभावक TOP पर रह कर उन पर नजर रखते हुए आपसी समझ के आधार पर बच्चे का विकास करें तो निश्चित रूप से अच्छे नागरिक बनेंगे। इन्टर नेट का अर्थ ही है आन्तरिक नेटवर्क मजबूत हो, सम्बन्ध मजबूत हों। यह आन्तरिक सच्चे प्यार से ही सम्भव है। ब्रह्माकुमारी संस्था भी अन्तर मन में जागृति लाने तथा अपने सच्चे पिता परमात्मा से समझ आधारित सम्बन्ध जोड़ने की शिक्षा देती है जो हमारे लिए बहुत उपयोगी है।

सी. आई. एस. एफ. ट्रेनिंग सेन्टर, बहरोड़ के सिनियर कमाण्डेन्ट शिव कुमार ने कहा कि मानव जीवन में सकारात्मक उर्जा का बहुत महत्व है। मैंने अब तक सुना था कि सकारात्मक उर्जा से जीवन में प्रत्यक्ष बदलाव भी आता है परन्तु ब्रह्माकुमारी संस्था में सकारात्मक उर्जा का अनुभव करने का मौका मिला है। ब्रह्माकुमारी संस्था आध्यात्मिक शिक्षण-प्रशिक्षण का सर्वोत्तम केन्द्र है। उन्होंने अपने ट्रेनिंग सेन्टर में भी इस प्रकार के कार्यक्रम करवाने की ईच्छा जाहिर की।

कार्यक्रम के आरम्भ में बी.के.कमल ने आमन्त्रित मेहमानों तथा वक्ताओं का स्वागत किया और शिक्षक के रूप में विद्यार्थियों के साथ के अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब अपने विद्यार्थी के प्रति शुभ और श्रेष्ठ भावना होती है। तब उसमें निखार लाने व उसकी समझ के स्तर में उल्लेखनीय सुधार लाया जा सकता है। कमजोर विद्यार्थी को भी कुशाग्र बनाया जा सकता है।

ब्रह्माकुमारीज़ नारनौल क्षेत्र की संचालिका बी.के. रतन दीदी ने कहा कि सर्वोच्च शिक्षक परमात्मा द्वारा मिल रही शिक्षा को जीवन में अपनाकर सुख-शान्ति सम्पन्न जीवन बनायें। उन्होंने सबको आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनकर जीवन में हर कदम पर सफलता प्राप्त करने की प्रेरणा दी।

कार्यक्रम में माउण्ट आबू से पधारे गायक बी.के. नितिन ने मनमोहक गीतों से समा बांधा और नन्हें बच्चों ने शिक्षाप्रद गीतों व नृत्य के माध्यम से सभी को मंत्रमुग्ध किया। आमंत्रित मेहमानों को सम्मानित किया गया तथा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी दिये गये।

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