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Brahma Kumaris

सिंधी स्नेह मिलन” – सिंधी समाज हेतु आयोजित सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक कार्यक्रम

Published

on

25 जून 2025

जगदम्बा भवन मेडिटेशन एंड रिट्रीट सेंटर, पिसोली, पुणे

जगदम्बा भवन में सिंधी समाज के लिए एक विशेष आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें 250 से भी अधिक सिंधी समाज के भाई-बहनों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दिप प्रज्वलन से हुआ। इस विशेष अवसर पर माउंट आबू से पधारी वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी शीलू दीदी ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने अमूल्य विचार साझा किए। उन्होंने कहा, सिंधी समाज केवल व्यापार और संस्कृति में ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिकता में भी समृद्ध रहा है। जब आत्मा अपनी शक्ति को पहचान लेती है, तो जीवन सहज और शांतिमय बन जाता है। यही ब्रह्माकुमारीज़ का संदेश है – आत्म-स्वरूप की पहचान और परमात्मा से पुनः संबंध।

जगदम्बा भवन की निदेशिका ब्रह्माकुमारी सुनंदा बहन ने सभी को शांतिपूर्ण अनुभव के लिए गहन राजयोग का अभ्यास कराया, जिससे सभी उपस्थित जनों को आध्यात्मिक ऊर्जा का सुंदर अनुभव हुआ। विशेष अतिथि आ. इंदिरा पूनावाला (कवयित्री व लेखिका),आ. जवाहर कोटवानी (प्रेसिडेंट – प्रियदर्शिनी सोशल ग्रुप) और मिनल ठाकुर (ट्रस्टी – विमला-जीवन झूलेलाल मंदिर) ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि, ऐसे आयोजन समाज को नई दिशा, मूल्य व आंतरिक शक्ति प्रदान करते हैं।

कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी आकृति अडवाणी ने ब्रह्माकुमारीज़ से जुड़े अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि कैसे राजयोग के अभ्यास ने उनके जीवन को बदल दिया और आंतरिक स्थिरता प्रदान की। 

कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा सांस्कृतिक नाट्य प्रस्तुति – “वाह रे सिंधी”, जो जगदम्बा भवन की सांस्कृतिक टीम द्वारा लिखित एवं निर्देशित थी। इस नाटक के माध्यम से सिंधी संस्कृति की गरिमा, परंपराएं एवं मूल्य गहराई से प्रस्तुत किए गए, जिसे दर्शकों ने अत्यंत सराहा। नाटक के पश्चात सिंधी गीतों पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुतियाँ हुईं, जिनमें हर आयु वर्ग के प्रतिभागियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम का समापन गहन ध्यान अभ्यास के साथ हुआ, जिसने सभी को शांति, प्रेम और ऊर्जा की अनुभूति कराई। ब्रह्माकुमार तरुण भाई ने कार्यक्रम के उद्देश्य को स्पष्ट किया।  ब्रह्माकुमारी काव्या द्वारा सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया गया।  मंच संचालन ब्रह्माकुमारी सिमरन बहन और ब्रह्माकुमार कपिल भाई ने किया।

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