मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी डॉ. दादी जानकी, संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी डॉ. दादी रतनमोहिनी, ब्रह्माकुमारीज संस्था के महासचिव बी के निर्वैर, प्रिवेन्टिव हेल्थ एवं वेलनेस वल्र्ड बुक ऑफ रिकार्ड, यु.के. की अध्यक्ष तथा निदेशक डॉ0 सोनल रावत, मुम्बई के मनोचिकित्सक डॉ गिरीश पटेल, मेडिकल प्रभाग के सचिव डॉ बनारसी, ग्लोबल हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. बी के प्रताप आदि ने सम्मेलन को संबोधित किया।
वक्ताओं ने कहा कि आज ज्यादातर बीमारी साईकोसोमेटिक है। लोगों में चिंता, तनाव और डिप्रेशन दिनों दिन तेजी से बढ़ रहा है। इसलिए बहुत सारी बीमारियां इससे ही पैदा हो रही है। राजयोग ध्यान और अध्यात्म के जरिए ही इसे रोका जा सकता है। परमात्मा ने हम सभी का जीवन बहुत ही खूबसूरत बनाया है बशर्ते अपने अंदाज़ को बदलना होगा। अपने जीवन को स्वस्थ रखना अपनी मुटठी में हैं। यदि हम चाहे तो उसे बिगाड़ सकते है और चाहे तो बना सकते हैं। इसलिए प्रतिदिन की दिनचर्या सेट करने से तथा सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने से निश्चित तौर पर सकारात्मक बदलाव आयेगा।