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Delhi ORC- International Women’s Day Program- ओ आर सी द्वारा महिला दिवस कार्यक्रम का आयोजन

गुरुग्राम, ब्रह्माकुमारीज़ के ओम शांति रिट्रीट सेन्टर में महिला दिवस के अवसर पर Discovering yourself विषय पर ऑनलाइन वेबीनार का आयोजन हुआ। इस अवसर पर विशेष रूप से प्रसिद्ध लेखिका, समाज सेविका एवं पर्यावरणविद डॉ. वन्दना शिवा ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्था आध्यात्मिक चेतना के द्वारा विश्व को एक नई दिशा प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक शक्ति के आधार पर ही भारत विविधता होते हुए भी आज एक सूत्र में बंधा हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय मनुष्य एक मशीन की तरह कार्य कर रहा है। आध्यात्मिकता से ही जीवन में संवेदना, प्यार, दया और रहम के भाव उभर सकते हैं।
ब्रह्माकुमारीज़ की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका बी.के.जयंती दीदी ने अपने संबोधन में कहा कि आध्यात्मिक जागृति से ही हमारे आंतरिक गुणों और शक्तियों का संचार होता है। उन्होंने बताया कि जब हम स्वयं को प्यार और सम्मान की दृष्टि से देखते हैं, तब ही दूसरों के प्रति व प्रकृति के लिये प्यार और सम्मान प्रकट कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भौतिकवादी दृष्टिकोण से अनेक समस्याओं का जन्म होता है।
ब्रह्माकुमारीज़ के महिला प्रभाग की अध्यक्ष बी.के. चक्रधारी दीदी ने प्रभाग द्वारा की जा रही सेवाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि महिलाओं के आध्यात्मिक और सामाजिक स्तर को ऊँचा उठाना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि हर आत्मा में अपार शक्ति है लेकिन स्वयं की सत्य पहचान न होने के कारण वो सुषुप्त अवस्था में हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं में बहुत से गुण स्वाभाविक रूप में हैं। अगर महिलाएँ सशक्त हो जायें तो समाज का सहज ही परिवर्तन हो जाये।
ओ.आर.सी की निदेशिका आशा दीदी ने discovering yourself विषय पर बोलते हुए कहा कि जब ब्रह्माकुमारीज़ संस्था की स्थापना हुई, तभी संस्था के संस्थापक ब्रह्मा बाबा ने महिलाओं में छिपी लीडरशिप क्वालिटी को पहचान लिया था। आज उसी का परिणाम है कि समूचे विश्व में फैली हुई ब्रह्माकुमारीज़ संस्था का नेतृत्व मातृ शक्ति के द्वारा हो रहा है। उन्होंने कहा आध्यात्मिकता का अर्थ ही है – अपने आंतरिक गुणों का स्वरूप बनना।
अखिल भारतीय महिला सम्मेलन की अध्यक्ष, शीला काकड़े ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान हमने ब्रह्माकुमारीज़ के माध्यम से कई कार्यक्रम आयोजित किये। आध्यात्मिक और मानवीय मूल्यों पर आधारित इन कार्यक्रमों ने महिलाओं को काफी प्रेरित किया।
सिटीज़न फाइनेंस ग्रुप एरिज़ोना, यू. एस.ए की मार्केटिंग टेक्नोलॉजी प्रमुख, डॉ.श्रुति सक्सेना ने अपने उद्बोधन में कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्था स्नेह, सम्मान और नम्रता जैसे मूल्यों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि संस्था सभी जाति, धर्म और भाषा के लोगों की निस्वार्थ सेवा करती है।
जे.एस.एल लाइफस्टाइल की प्रबन्ध निदेशक, दीपिका जिंदल ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि मैं संस्था के साथ पिछले 15 वर्षों से जुड़ी हूँ। उन्होंने कहा कि मैंने स्वयं में बहुत बड़ा बदलाव महसूस किया है। उन्होंने कहा कि राजयोग के अभ्यास से असुरक्षा की भावना समाप्त हो जाती है।
विश्व मानवता आयोग की राजदूत, प्रिया कौशल ने कहा कि कोविड महामारी के समय से मैंने ब्रह्माकुमारीज़ के ऑनलाइन कोर्सेज़ किये। उन्होंने कहा कि अगर हम स्वयं का परिवर्तन चाहते हैं तो अपने लिये वक्त अवश्य निकालें।
जितना हम स्वयं को वक्त देंगे, उतना ही खुद को पहचान पायेंगे।
क्लिनिक साइकोलोजिस्ट एंड स्टाफ काउंसलर, यू. एन – अफगानिस्तान से डॉ.प्राची ने बताया कि व्यक्ति का अहम ही वास्तव में उसकी आंतरिक ऊर्जा को बाहर नहीं आने देता। ज्यादातर लोग ये सोचते हैं कि अमुक कार्य मैं ही कर सकता हूँ, कोई दूसरा नहीं कर सकता। यही विचार उनकी ऊर्जा को बहने नहीं देता।
बी.के.दीपा ने सबको योगाभ्यास द्वारा गहन शांति की अनुभूति कराई। बी.के.विधात्री ने विशेष एक्टिविटी के द्वारा आंतरिक शक्तियों के बारे में अवगत कराया। कार्यक्रम का संचालन बी.के.हुसैन ने किया।