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Global Summit 2025 : विश्वभर में भारत को विश्वास के साथ देखा जा रहा है: रेल मंत्री वैष्णव

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विश्वभर में भारत को विश्वास के साथ देखा जा रहा है: रेल मंत्री वैष्णव

– रेल मंत्री बोले- भारत में जो आध्यात्मिक शक्ति है जो विश्व में कहीं देखने को नहीं मिलती है
सब मुस्लिम देशों में दो तीन लाख शरणार्थी रख देने चाहिए, पता चल जाएगा कि इस्लामिक ब्रदरहुड कैसी है, मुसलमान खुद मुसलमानों के कितने सगे हैं: आरएसएस इंद्रेश कुमार
– वैश्विक शिखर सम्मेेलन का दूसरे दिन एक स्थाई भविष्य की प्रेरणा विषय पर वक्ताओं ने रखे विचार
– एकता और विश्वास- आदर्श भविष्य के लिए प्रेरणा विषय पर हो रहा है आयोजन
– रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए किया संबोधित
– आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार, पंजाब सरकार के वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा मुख्य रूप से रहे मौजूद

आबूरोड (राजस्थान)। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन में चल रहे वैश्विक शिखर सम्मेेलन के दूसरे दिन शनिवार को एक स्थाई भविष्य की प्रेरणा विषय पर विद्वानों और वक्ताओं ने विचार व्यक्त किए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी व रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संबोधित किया। सम्मेलन में आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार, पंजाब सरकार के वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा मुख्य रूप से रहे मौजूद।
रेलमंत्री वैष्णव ने कहा कि मुझे माउंट आबू आने का बहुत मन था, लेकिन कारणवश पहुंच नहीं पाया। मैं बृजमोहन भाई को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। हम बहुत बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं। विश्व में बड़ा बदलाव है- परहित की भावना टूट चुकी है। सब स्वार्थ से आगे बढ़ रहे हैं। जिओ पॉलिटिकल दृश्य में भारत बड़ा स्तम्भ बनकर उभरा है। भारत को विश्वास के साथ देखा जा रहा है। सबके प्रति सेवाभाव के साथ भारत काम कर रहा है। सबके विश्वास को साथ लेकर भारत काम कर रहा है। भारत ने कोविड वैक्सीन सब तक निस्वार्थ पहुंचाई। भारत पिछले दो हजार वर्षों में समावेशी देश रहा है।
रेलमंत्री वैष्णव ने कहा कि भारत में जो आध्यात्मिक शक्ति है जो विश्व में कहीं देखने को नहीं मिलती है। आज विश्व में जो हमारा स्वाभाविक स्थान है, वह हमें हासिल करना है। हम सबको ताकत लगानी पड़ेगी। सबको मिलकर योगदान देना पड़ेगा। यही ब्रह्माकुमारी परिवार हमको सिखाता है कि हम अपने-अपने हिस्से का प्रयास करें। ब्रह्माकुमारीज़ ने जो आध्यात्मिक यज्ञ चलाया, एक-एक गांव, कस्बे, शहर को जोड़ा है। राजयोग ज्ञान से हमारी दिनचर्या में बदलाव लाया है।

ब्रह्माकुमारीज़ चरित्र निर्माण का काम कर रही है-
आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने अपने संबोधन के पूर्व संस्थान के महासचिव राजयोगी बृजमोहन भाई को याद करते हुए दी श्रद्धांजलि। इस दौरान उन्होंने कहा कि जब भी बोला गया जय भारत जय जगत बोला गया, कभी जय अमरीका जय अरब नहीं बोला गया। आज भी किसी में साहस नहीं है कि यहां से हिंदुस्तान शब्द हटा दे। हम कैसे भी हो गए लेकिन सारे जहां से अच्छे हम थे, हैं और रहेंगे। ज्ञान और चरित्र में बहुत बड़ा अंतर है। ज्ञान महान नहीं बनाता, चरित्र महान बनाता है। राम और रावण इसके उदाहरण हैं। राम अपने चरित्र के कारण पूजे जाते हैं। रावण अपने चरित्र के कारण हर वर्ष जलाया जाता है। भारत में चरित्र पर ध्यान व जोर दिया जाता है। ब्रह्माकुमारीज़ यही कार्य कर रही है। ब्रह्माकुमारीज़ चरित्र निर्माण का काम कर रही हैं। मां की सेवा करेंगे, मां को प्यार करेंगे तो कभी डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ेगा। मातृभूमि को प्यार करेंगे, जरूरत पड़ने पर बलिदान करेंगे तो स्वर्ग मिलेगा। मां हमें जोड़ती हैं, मातृभूमि भी हमें जोड़ती है। भारत भूमि सत्कर्म व सत्य आचरण की भूमि है। हमने भोगवाद के कारण सत्कर्म छोड़ दिया है।

भारत की बात दुनिया सुनने लग गई है-
इंद्रेश कुमार ने कहा कि इस ग्लोबल समिट से एक मिशन लेकर लोग जाएंगे तो नए भारत का उदय दिखाई देगा। एक दिया इस दीवाली पर नशामुक्त भारत के लिए जलाएं। एक दिया छुआछूत मुक्त भारत के लिए, एक दिया प्रदूषण मुक्त, एक दिया हिंसा मुक्त भारत के लिए जलाएं। एक दिया गरीबों के लिए जलाएं। हम सब अपने धर्म की पूजा पद्धति का पालन करें, लेकिन दूसरे धर्मों का अनादर नहीं करेंगे। भारत को विश्व गुरु के साथ विश्व मित्र बनाएं। भारत की बात दुनिया सुनने लग गई है। भारत ही एक देश है, चरित्र है, संस्कृति है, जिसे दुनिया के 27 देशों ने सम्मानित किया है। लोग कहेंगे यह नरेंद्र मोदी के कारण है, मैं कहूंगा यह भारत के कारण है। एक दिन आएगा जब भारत विश्व का नेतृत्व करेगा। कुछ लोग तब कहेंगे कि यही रामराज्य है। यही ब्रह्माकुमारीज़ का संकल्प है। इस संकल्प में हम ब्रह्माकुमारीज़ के साथ थे, हैं और रहेंगे।

आज संकल्प लें कि संवाद को युद्ध से ऊपर रखेंगे-
पंजाब सरकार के वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि आज हम सभी एकता और विश्वास पर बात करने इकट्ठा हुए हैं। पूरी दुनिया आज आधुनिक तकनीकी विकास व आर्थिक विकास की तरफ बढ़ रही है। लेकिन दूसरी तरफ, धर्म, नस्ल, सीमा विवाद के रूप में इंसान, इंसान से लड़ रहा है। आज जितना धन हथियारों पर खर्च हो रहा है, वही शिक्षा, पर्यावरण में लगाएं तो हमें शांति मिलेगी। विश्वास और संवाद के माध्यम से हम कई समस्याओं को सुलझा सकते हैं। जहां विश्वास है, वहां सहयोग है। हम आज संकल्प लें कि संवाद को युद्ध से ऊपर रखेंगे। मानवता को राजनीति से ऊपर रखेंगे।

ब्रह्माकुमारीज़ की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मोहिनी दीदी ने कहा कि हमारे मन में एक मिनट में कितने तरह के विचार आते हैं उसमें बहुत से नकारात्मक विचार भी होते हैं। एकाग्रता बढ़ाना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। यहां हम सभी इस ईश्वरीय विश्व विद्यालय में राजयोग मेडिटेशन की शिक्षा और दैवी गुणों की धारणा और सेवा भाव सीखते हैं। इससे मन के अंदर शांति, आनंद और सद्भाव होता है। सबसे पहले मन में स्वयं के प्रति विश्वास की भावना होना जरूरी है। विश्व की सभी आत्माओं के रचयिता एक परमपिता शिव परमात्मा हैं। हम सबकी रंग, रूप, देश, भाषा अलग-अलग जरूर है लेकिन हम सभी आत्मिक रूप से एक हैं। सभी आत्माओं का मूल गुण- शांति, प्रेम, पवित्रता है। जो भी रंग, भाषा की अनेकता है वह सिर्फ शरीर की है। एक परमात्मा का सत्य संदेश देने से लोगों में आपकी एकता और विश्वास बढ़ेगा।

लोगों को आपस में जोड़ रही है ब्रह्माकुमारीज़-
विश्व ओक्कलिगा महासंस्थान मठ के पीठाधिपति डॉ. निश्चलानंदनाथ महास्वामी ने अपने ब्रह्माकुमारीज़ से जुड़े अनुभवों को सांझा करते हुए कहा कि मैं भी ब्रह्माकुमारीज़ का फ़ॉलोअर हूं। यह पवित्र स्थान है, जहां मन मिलते हैं और ह्रदय जुड़ते हैं। ब्रह्माकुमारीज़ विश्व की सबसे बड़ी संस्था है, जो विश्व को, देशों को, परिवारों को, मनुष्यों को आपस में जोड़ती है। एकता और विश्वास के बिना स्थायित्व नहीं हो सकता है। ब्रह्माकुमारीज़ विश्व में सबके बीच विश्वास पैदा करने वाली संस्था है। इस समय विश्व में संघर्ष की परिस्थिति है। ब्रह्माकुमारीज़ सभी को एक साथ लाने के लिए कठोर परिश्रम कर रही है। वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा को साकार करने में ब्रह्माकुमारीज़ संस्था महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। मैं लगातार 15 वर्ष से निरंतर मुरली (भगवान के महावाक्य) सुनता हूं। मुरली महान दवा है जो ब्रह्माकुमारीज़ संस्था द्वारा दी जा रही है।

इन्होंने भी किया संबोधित-
– ब्रह्माकुमारीज़ की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके जयंती दीदी ने विश्वभर से आए प्रतिनिधियों को राजयोग मेडिटेशन के माध्यम से गहन शांति की अनुभूति कराई। उन्होंने कहा कि संकल्प द्वारा ही खुद को और परमात्मा को समझा जा सकता है। संकल्प द्वारा ही विश्व की सेवा की जा सकती है। संकल्प बीज हैं। हमारे संकल्प जितने शक्तिशाली, शुद्ध, सात्विक, पवित्र और सकारात्मक होते हैं आत्मा उतनी ही शक्तिशाली बनती है। अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मुन्नी दीदी भी मौजूद रहीं।
– इंटलेक्ट डिजाइन अरेना लिमिटेड के चैयरमेन व सीएमडी अरुण जैन को ज्वेल ऑफ भारत अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह अवार्ड अरुण जैन ने धर्मपत्नी मंजुल जैन ने साथ स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि लाखों लोग साथ में कैसे कार्य करते हैं, यही देखने मैं यहां आया था। अवार्ड पाकर अभिभूत हूँ। जब तक हम इकट्ठे नहीं होंगे, तब तक हम नकारात्मक शक्तियों का सामना नहीं कर पाएंगे। इसका सामना करने के लिए हमें विश्वास और एकता चाहिए।
– आन्ध्रप्रदेश विधानसभा के मुख्य सचेतक व विणुकोंडा से विधायक जीवी आंजनेयुलु ने कहा कि आज लोगों में आंतरिक शांति और वास्तविक खुशी गायब है। हम शांति और खुशी तभी पा सकते हैं, जब हम परिवार समाज को देंगे। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान यही ज्ञान देता है। 30 वर्ष पहले मैंने शिवबाबा से आशीर्वाद प्राप्त किया। ब्रह्माकुमारीज़ के जरिए मैंने भगवान शिव का राजयोगा मेडिटेशन सीखा। इसने मुझे शांति व खुशी की प्राप्ति कराई। कई बार मुरली सुनते हुए मुझे लगा कि भगवान शिव मुझे व्यक्तिगत रूप से सिखाते हैं, बात करते हैं, गलती करने पर चेतावनी भी देते हैं।
– स्वागत भाषण देते हुए अतिरिक्त महासचिव डॉ. बीके मृत्युंजय भाई ने कहा कि परमात्मा शिव बाबा के आशीर्वाद से आज यह सुंदर आयोजन हो रहा है। इसमें देश-विदेश से आए सभी महानुभावों का मैं भगवान के घर में हृदय से अभिनंदन करता हूं। यहां से आप सभी को जीवन में नई दिशा और प्रेरणा मिले, यही शुभ भावना है।

झलकियां-
– सभी अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर वैश्विक शिखर सम्मेलन का विधिवत शुभारंभ किया।
– मधुरवाणी ग्रुप के कलाकारों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया।
– अतिरिक्त महासचिव डॉ. बीके मृत्युंजय भाई ने सभी अतिथियों का माला, मुकुट पहनाकर और स्मृति चिंहृ प्रदान कर सम्मान किया।
– आंध्र प्रदेश तड़ीपत्री के वंदना डांस अकादमी के कलाकारों द्वारा विशेष प्रस्तुति दी गई।
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कंपाइल खबर……..

सब मुस्लिम देशों में दो तीन लाख शरणार्थी रख देने चाहिए, पता चल जाएगा कि इस्लामिक ब्रदरहुड कैसी है, मुसलमान खुद मुसलमानों के कितने सगे हैं: इंद्रेश कुमार
– पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा में बोले- आरएसएस के इंद्रेश कुमार-
आबूरोड (राजस्थान)। वैश्विक शिखर सम्मेलन में भाग लेने ब्रह्माकुमारीज़ के मुख्यालय शांतिवन पहुंचे आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने बंगलादेशी शरणार्थियों पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी शरणार्थियों को पूरी दुनिया के मुस्लिम देशों में डिस्ट्रीब्यूट के देना चाहिए, समस्या स्थाई रूप से खत्म हो जाएगी। मीडिया से बात करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि मैंने मुस्लिम सम्मेलनों में कहा है अब पाकिस्तान और बांग्लादेश को ठीक रास्ता लेना होगा। अब समय आ गया है जितने बांग्लादेशी शरणार्थी विस्थापित हैं, सब मुस्लिम देशों में दो तीन लाख शरणार्थी रख देने चाहिए। पता चल जाएगा कि इस्लामिक ब्रदरहुड कैसी है, सेकुलर ब्रदरहुड कैसी है? ये भी पता लग जाएगा कि मुसलमान खुद मुसलमानों के कितने सगे हैं।

वैश्विक बाजारवादी शक्तियों पर बोले-
वैश्विक बाजारवादी शक्तियों पर उन्होंने कहा कि जितनी ऐसी ताकते हैं, उन्होंने दंगा करके देशों को अस्थिर करने की कोशिश की। भारत ने चुप रहते हुए उन सबको असफल कर दिया। टैरिफ का डंडा लेकर ट्रंप रास्ते पर उतरा तो उसे 36 रास्तों से समझाया। शांति सबसे अच्छा उत्तर था। प्रधानमंत्री ने चार बार फोन ही नहीं उठाया। ट्रैरिफ धड़ाम से गिर गया। शांति सबसे ताकतवर जवाब है, ये हमने देखा। भारत शांतिपूर्ण स्थिति में है। भारत ने म्यांमार बचाया। भारत ने मालदीप बचाया। भारत ने श्रीलंका बचाया। आज ये सारे दोस्त बन गए। सबको मालूम है भारत हमारे लिए हितैषी हैं। बाकी तो लूटकर खा जाएंगे।

कांग्रेस पर बोले-
कांग्रेस के वोट चोर अभियान को लेकर इंद्रेश कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके पास सकारात्मक करने बोलने के लिए नहीं है। इसलिए नकारात्मक करते हैं। इसलिए हर मुद्दे पर पीटते चले जाते हैं। हाइड्रोजन बम फटेगा, हमने सोचा कि हम भी उसमें मर जाएंगे। इससे बड़ी अलोकतांत्रिक भाषा नहीं हो सकती। वह देश को पसंद नहीं है। आज विपक्ष ही लोकतंत्र को तोड़ रहा है। उन्होंने तो 1947 में ही लोकतंत्र की हत्या करवा दी थी। बाद में भी की, आज भी भी कर रहे हैं। पहले विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने लोकतंत्र बचाया था। आज सत्ता में रहते हुए बचा रही हैं।