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Inauguration of National Women’s Conference in ORC

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महिलाओं में आत्म सम्मान का भाव जरूरी – डॉ. आर. एच. लता
– चरित्र निर्माण से ही सर्व समस्याओं का समाधान – आशा दीदी
– ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा तीन दिवसीय राष्ट्रीय महिला सम्मेलन का शुभारम्भ
– आध्यात्मिकता से महिला सुरक्षा विषय पर हुआ आयोजन
– ओम शांति रिट्रीट सेंटर के दादी प्रकाशमणी सभागार में हुआ कार्यक्रम
– कार्यक्रम में 1000 से भी अधिक महिलाओं एवं अन्य लोगों ने की शिरकत

गुरुग्राम, 08 नवम्बर 2025
ब्रह्माकुमारीज़ के भोराकलां स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर में तीन दिवसीय राष्ट्रीय महिला सम्मेलन का आयोजन हुआ। परिसर के दादी प्रकाशमणी सभागार में आध्यात्मिकता से महिला सुरक्षा विषय पर कार्यक्रम हुआ। सम्मेलन के उदघाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि
इंडियन योगिनी एसोसिएशन की संस्थापक अध्यक्ष डॉ. आर. एच. लता ने अपना संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा के लिए आध्यात्मिकता जरूरी है। महिलाओं में आत्म सम्मान का भाव होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि असुरक्षा का प्रमुख कारण अनेक सामाजिक विसंगतियां हैं। परिवारों में संस्कारों का बहुत बड़ा अभाव है। आध्यात्मिकता हमें अन्दर की आवाज सुनने के लिए प्रेरित करती है। जो हमारी अंतरात्मा से निकलती है। उन्होंने कहा कि वो योगिनी होम स्टे के माध्यम से महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा का कार्य कर रही हैं। लेकिन ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान आध्यात्मिक सशक्तिकरण के माध्यम से महिला सुरक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है।

इस अवसर पर ओआरसी की निदेशिका राजयोगिनी आशा दीदी ने अपने अनुभव युक्त बोल से सबको प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि शारीरिक सुरक्षा के साथ-साथ नैतिक मूल्यों की सुरक्षा बहुत जरूरी है। आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों के पतन के कारण ही असुरक्षा की भावना बढ़ी है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के दूषित विचार और मनोवृत्ति ही घटनाओं को जन्म देती हैं। भौतिक दृष्टिकोण के कारण हम अपने वास्तविक स्वरूप को भूल गए हैं। आध्यात्मिकता हमें स्वयं से जोड़ती है। आत्मिक गुणों को बढ़ाती है। उन्होंने कहा कि अविश्वास, संदेह एवं परखने की शक्ति की कमी ही असुरक्षित अनुभव कराती है। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति बहुत महान रही है। हमें बच्चों को अपनी महान संस्कृति से परिचित कराना जरूरी है। चरित्र निर्माण से ही सर्व समस्याएं समाप्त हो जाएंगी। दृष्टिकोण में परिवर्तन की जरूरत है। बच्चे और बच्ची दोनों के साथ समान रूप से बर्ताव की जरूरत है। उन्होंने कहा कि असली सुरक्षा कवच हमारे शुद्ध एवं सकारात्मक विचार हैं।

संस्थान के महिला प्रभाग की अध्यक्षा राजयोगिनी चक्रधारी दीदी ने कार्यक्रम में अपने आशीर्वचन दिए। उन्होंने कहा कि नारी केवल स्वयं को सुरक्षित नहीं रखती बल्कि पूरे परिवार को सुरक्षित रखती है। अगर नारी के अन्दर शांति और स्थिरता है तो नारी एक दर्पण बन जाती है। सुरक्षा का स्रोत बन जाती है। सुरक्षा का अर्थ केवल बाहरी नहीं बल्कि आंतरिक स्थिरता से है। एक असुरक्षित मन ही तनाव एवं डर पैदा करता है। अध्यात्म हमें आत्मिक गुणों से जोड़ता है। अन्दर से मजबूत बनाता है।

दधीचि देह दान समिति से समाज सेविका पूनम मल्होत्रा ने कहा कि नारी का सुरक्षित होना जरूरी है। क्योंकि नारी परिवार की धुरी है। उन्होंने कहा कि आज सबसे बड़ी कमजोरी दूषित विचार हैं। आध्यात्मिकता से ही वैचारिक शुद्धि आती है। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान द्वारा इस दिशा में महान कार्य हो रहा है। क्योंकि आध्यात्मिकता ही हमें सकारात्मक और शक्तिशाली बनाती है।

महिला प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका डॉ. सविता ने कहा कि आत्मबल होने से ही हम जीवन को सही दिशा दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि शारीरिक सुरक्षा से पहले हमें मानसिक सुरक्षा को प्राथमिकता देनी है। मानसिक रूप से शक्तिशाली व्यक्ति बाहरी किसी भी समस्या का सामना कर सकता है।

कार्यक्रम में एआईडब्लूसी गाजियाबाद की अध्यक्ष किरण श्रीवास्तव, मेकिंग मॉडल गुरुग्राम की संस्थापक गौरी सरीन, ऑल इंडिया विमेन लॉयर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ. गीता, फॉर्मूला कार रेसर दिव्या मिगलानी, संस्थान के दिल्ली, करोल बाग की निदेशिका राजयोगिनी पुष्पा दीदी एवं बीके शक्ति ने भी अपने विचार रखे।

कार्यक्रम में चांद बजाज ने गीत के द्वारा नारी सम्मान के भावों को प्रकट किया। स्वास्तिक कलाकेंद्र के कलाकार सिमरन, आरोही एवं आर्या ने जन-जन का कल्याण करेगी नारी… गीत पर नृत्य से सबका मन मोह लिया। दीप प्रज्वलित कर सम्मेलन का उद्घाटन किया गया।
मंच संचालन बीके लता ने किया। कार्यक्रम में 1000 से भी अधिक महिलाओं एवं अन्य लोगों ने शिरकत की।

कैप्शन:फोटो:1: ओआरसी में राष्ट्रीय महिला सम्मेलन में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए इंडियन योगिनी एसोसिएशन की संस्थापक अध्यक्ष डॉ. आर. एच. लता, दधीचि देह दान समिति से समाज सेविका पूनम मल्होत्रा, दिव्या मिगलानी, राजयोगिनी आशा दीदी, राजयोगिनी चक्रधारी दीदी, डॉ. सविता एवं अन्य।