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नारी शक्ति के लिए प्रेरणा स्रोत थी दादी प्रकाशमणि – दादी रतनमोहिनी हजारों लोगों ने की विश्व बन्धुत्व की कामना

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नारी शक्ति के लिए प्रेरणा स्रोत थी दादी प्रकाशमणि – दादी रतनमोहिनी
हजारों लोगों ने की विश्व बन्धुत्व की कामना

आबू रोड, 25 अगस्त, निसं। नारी जगत में कुछ भी असम्भव नहीं है। समस्त विश्व में मानवता का सृजन ही नारी करती है। ब्रह्माकुमारीज संस्था की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि ने नारी शक्ति के लिए प्रेरणास्रोत थी। उक्त उदगार ब्रह्माकुमारीज संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने व्यक्त किये। वे दादी की दसवीं पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि सभा को सम्बोधित कर रही थी।
दादी ने कहा कि दादी प्रकाशमणि ने हमेशा अपना जीवन में मानवता की सेवा में लगा दिया। नारी जीवन के उत्थान के लिए लगातार प्रयासरत रही। उनके जीवन दिव्यता और शक्ति का प्रतीक था। हजारों लाखों लोागें ने इनके निर्देशन में अपना जीवन श्रेष्ठ बनाया है।
कार्यक्रम में संस्था के महासचिव बीके निर्वेर ने कहा कि दादी जी के साथ का जीवन हमेशा प्रेरणादायी रहा। उनसे हमेशा कुछ ना कुछ सीखने को मिलता था। उनका हर कर्म दिव्य कर्मों से भरपूर था। श्रद्धांजलि सभा में दादी के अंग संग रही कार्यक्रम प्रबन्धिका बीके मुन्नी ने कहा कि दादी के कर्म हर मनुष्य के लिए लाईट हाउस की भांति था। जो भी उनके प्रवाह में आता वह उसी अनुरूप हो जाता था।
हजारों लोगों ने दी श्रद्धांजलि: प्रात: काल से मौन साधना के प्रश्चात हजारो लोगों ने कतार बद्ध होकर दादी के समाधि स्थल प्रकाश स्तम्भ पर मौन रहकर श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही विश्व बन्धुत्व के लिए कामना की। संस्था के वरिष्ठ सदस्यों ने भी अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
देश विदेश में भी श्रद्धांजलि: दादी की पुण्य तिथि को देश कोने कोने में सेवाकेन्द्रों के जरिये विश्व बन्धुत्व दिवस के रूप में मनाया गया। जिसके तहत हजारों कार्यक्रम आयेाजित किये गये। लाखों लोगों ने इस श्रद्धांजलि सभा में पुष्प अर्पित कर अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी।

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