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Abu Road Shantivan: 100th Birthday Celebration of Dadi Ratan Mohini

शताब्दी महोत्सव के दूसरे दिन ब्रह्माकुमारीज संस्थान की मुख्य प्रशासिका दादी रतनमोहिनी को अखिल भारतीय मानवाधिकार परिषद द्वारा डॉ अब्दुल कलाम वर्ल्ड पीस अवार्ड से सम्मानित किया गया
महिलाओं में दया और प्यार की भावना कर सकती है विश्व का नेतृत्व – भिक्खू संघसेना
दादी को डॉ अब्दुल कलाम वर्ल्ड पीस तथा महाकरूणा अवार्ड का अवार्ड
आबू रोड, 23 मार्च, निसं। ब्रह्माकुमारीज संस्थान के शांतिवन में चल रहे शताब्दी महोत्सव के दूसरे दिन ब्रह्माकुमारीज संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी को अखिल भारतीय मानवाधिकार परिषद द्वारा डॉ अब्दुल कलाम वर्ल्ड पीस अवार्ड तथा महाबोधि इंण्टरनेशनल मेडिटेशन सेंटर लेह लददाख द्वारा महाकरूणा अवार्ड से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर महाबोधि इंटरनेशनल मेडिटेशन सेंटर के संस्थापक अध्यक्ष भिक्खू संघसेना ने कहा कि पुरुष प्रधान देश में महिलाओं को सम्मान देने का काम ब्रह्माकुमारीज संस्थान ने किया है। यहां की बहनें पूरे विश्व के 140 देशों में अध्यात्म और राजयोग का परचम फहराया है। इनमें परिवार, समाज और देश को चलाने की शक्ति है। यहाँ आने के बाद एक अलग ही उर्जा की महसूसता होती है। संस्था की प्रमुख दादी ने अपना पूरा जीवन मानवता की सेवा में लगाया है। महात्मा बुद्ध ने भी समाज में एकता और समरसता के लिए काम किया। यदि व्यक्ति खुद को मानव बनाना सीख जाये तो इस दुनिया से दरिद्रता मिट जायेगी।
इस कार्यक्रम में अखिल भारतीय मानवाधिकार परिषद नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ एन्थोनी राजू ने कहा कि दादी एक नारी शक्ति की मिसाल हैं। उनके सानिध्य में आज एक ऐसी फौज तैयार है कि पूरे जगत में मानवता का दीपक जगाया जा सके। मानवाधिकार परिषद को दादी को सम्मानित करके गौरवान्वित महसूस कर रहा है। मीडिया प्रभाग के अध्यक्ष बीके करूणा ने कहा कि दादी का जीवन हमेशा ही दूसरों का जीवन रहा है। आज भी उनके संकल्प और दिव्य कर्मो से नये समाज की संरचना बन रही है।
रशिया से आयी सेंट पीटर्सबर्ग की निदेशिका बीके संतोष ने कहा कि दादी जब भी रशिया जाती है तो लोगों को उनके प्रति प्यार और अपनापन की भावना ने उन्हें आध्यात्मिक मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित कर देता था। उन्होंने युवाओं को इसके लिए प्रेरित कर बहुत बड़ा योगदान दिया है। ओम शांति रिट्रीट सेन्टर की निदेशिका बीके आशा जापान की निदेशिका बीके रजनी ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दादी चलती फिरती म्यूजियम है। उनके नेत्रों में दिव्यता ईश्वरीय शक्ति का प्रमाण है।
निकाली गई शोभायात्रा: दादी के कांटेज सरस्वती भवन से डायमंड हॉल तक शोभायात्रा निकाली गयी। जिसमें सैकड़ों भाई बहनों ने विशेष परिधानों में सजकर उनकी आगवानी कर रहे थे। इसके साथ ही महाराष्ट्र की परम्परागत ड्रेस में महिलाओं ने उनकी आरती उतारकर पुष्प वर्षा की। देवी देवताओं के रूप में सजे लोगों का उमंग देखने लायक था।
ये भी रहे उपस्थित: इस दौरान संस्थान के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय, मलेशिया की प्रभारी बीके मीरा, बीके अम्बिका, बीके सुनन्दा, बीके मंजू, बीके आत्म प्रकाश, ग्लोबल अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ प्रताप, सस्टेनेबल लीडरशीप जापान के कोच सिस्टर आया यूसुई, बीके बिन्नी, समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन बीके वन्दना ने किया।