Brahma Kumaris
“विश्व एकता व विश्वास हेतु ध्यान” थीम का सबजोन स्तर पर प्रभावशाली शुभारंभ-Annual Theme Launching for Mira Society

विषय: पुणे के जगदंबा भवन में मम्मा स्मृति दिवस पर आध्यात्मिक श्रद्धांजलि एवं “विश्व एकता व विश्वास हेतु ध्यान” थीम का सबजोन स्तर पर प्रभावशाली शुभारंभ
दिनांक 24 जून 2025 को, पुणे के पिसोली स्थित जगदंबा भवन मेडिटेशन एवं रिट्रीट सेंटर में ब्रह्माकुमारीज़ संस्था की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती का स्मृति दिवस अत्यंत श्रद्धा, गरिमा एवं आध्यात्मिक उल्लास के साथ मनाई गया। यह दिन, जिसे संपूर्ण संस्था में मम्मा दिवस के रूप में मनाया जाता है, मम्मा के अविस्मरणीय योगदान, उनके दिव्य गुणों और शिक्षाओं को आत्मसात करने का यह विशेष दिन होता है।
इस विशेष अवसर पर मीरा-सोसायटी सबज़ोन, पुणे द्वारा संस्था की वर्ष 2025 की थीम *“Meditation for World Unity and Trust” का शुभारंभ भी किया गया।
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मम्मा की शिक्षाओं से अनुप्राणित माहौल
कार्यक्रम में चार-चाँद लग गए, जब मधुबन पावन धरनी से वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी शीलू बहनजी ने अपने उपस्थिति से सबको अपने मधुर वाणी से, अपनी शुभ प्रेरणाओं से लाभान्वित किया।
मम्मा की विशेषताओं को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा, मम्मा एक चलती-फिरती तपस्विनी थीं, जिनकी मौन उपस्थिति आत्मा को जाग्रत कर देती थी। उन्होंने आत्म-स्थिति, मौन शक्ति और परमपिता की आज्ञा में रहने का जो स्वरूप दिखाया, वह सभी के लिए एक आदर्श है।
उन्होंने मम्मा के 6 दिव्य गुणों पर विशेष प्रकाश डाला:
1. स्वधर्म में स्थिति
2. मौन की शक्ति द्वारा सेवा
3. सत्य व मर्यादा पालन
4. श्रेष्ठ संकल्प व निर्दोष दृष्टि
5. ईश्वरीय आज्ञाकारीता
6. सर्व के प्रति मातृत्व भावना
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थीम शुभारंभ का समारोह
मीरा सोसायटी, पुणे सब-जोन स्तर पर संस्था की 2025 की थीम “Meditation for World Unity and Trust” का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ सम्पन्न हुआ। इस भावनात्मक व ऊर्जावान कार्यक्रम में अतिथियों ने अपने विचार प्रस्तुत किए:
श्री श्रीकांत वैद्य (पूर्व चेयरमैन, इंडियन ऑयल) – राजयोग ध्यान वैश्विक संतुलन की कुंजी है। मैंने नेतृत्व के अनुभव से सीखा है, कि शांत आत्मा ही स्थिर निर्णय ले सकती है। यह थीम आज के युग की गहराई से जुड़ी आवश्यकता है।
श्री कादबाने बालभीम (सहायक आयुक्त, पुणे महानगरपालिका) – राजयोग ध्यान प्रशासनिक निर्णयों में भी स्पष्टता और करुणा लाता है। ब्रह्माकुमारीज़ का कार्य समाज को भीतर से स्थिर कर रहा है।
डॉ. तेजस्विनी गोले (राज्य कार्यकारिणी सदस्य, भाजपा; वेलनेस व लाइफ कोच) – मम्मा साक्षात शक्ति थीं। आज की नारी को अगर कोई आत्मिक आदर्श चाहिए तो वह मम्मा हैं। यह संस्था आज ‘आत्मिक औषधि’ के रूप में राष्ट्रहित का कार्य कर रही है।
पानीपत सब-जोन (हरियाणा) के मुख्य सह-समन्वयक वरिष्ठ राजयोगी भारत भूषण भाई ने कहा – मम्मा की मौन वृत्ति उनके नेतृत्व की पहचान थी। उनका जीवन हमें सिखाता है कि एक सच्चे राजयोगी को अपने ‘संकल्पों की गुणवत्ता’ पर ध्यान देना चाहिए, न कि केवल शब्दों की संख्या पर।
कार्यक्रम के समापन में सभी 1200 से अधिक भाई-बहनों ने सामूहिक राजयोग ध्यान द्वारा मातेश्वरी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। मौन की इस गहन अनुभूति में आत्मा-परमात्मा की निकटता का सबको अनुभव हुआ और सबने “विश्व एकता व विश्वास” की स्थापना हेतु स्वयं को समर्पित करने का संकल्प लिया।