SpARC National Conference | Spirituality in Research-A Holistic Approach in Building Swarnim Bharat
LIVE 10.07.2022 BK Shivani : अपने सपने कैसे साकार करें ? नामुमकिन कुछ भी नहीं
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राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ने ओआरसी में आध्यात्म को लेकर कही ये सुन्दर बातें
27 June 2022 : Sahaj Tapasya I BK Usha Behn I Gyan Sarovar
ब्रह्माकुमारीज के ओम शांति रिट्रीट सेंटर पहुँचे आरिफ मोहम्मद खान करुणा और दया कार्यक्रम में हुए शामिल 25 जून 2022, गुरुग्राम करुणा और दया की प्रेरणा देते हुए ब्रह्माकुमारीज के ओम शांति रिट्रीट सेंटर में करुणा और दया वर्ष के अंतर्गत एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। आध्यात्मिक सशक्तिकरण के लिए करुणा और दया विषय पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए केरल के राज्यपाल माननीय आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि यहां पर बिताए हुए पलों को शब्दों के द्वारा अभिव्यक्त करना बहुत मुश्किल है। आध्यात्मिक ऊर्जा और शांति के प्रकंपन मन को शक्तिशाली बना देते हैं। स्वर्णिम विश्व के निर्माण के लिए करुणा और दया का भाव जरूरी – माननीय राज्यपाल ने कहा कि स्वर्णिम विश्व के निर्माण में करुणा और दया का भाव जरूरी है। कोई भी इंसान बगैर प्रेम के नहीं रह सकता लेकिन वही प्रेम जब योग के माध्यम से परमात्मा से जुड़ जाता है तो करुणा और दया का संचार होता है। जरूरत है तो सिर्फ अपने आदर्शों के प्रति वफादारी की। भारत रहा है ज्ञान और प्रज्ञा का केंद्र – माननीय राज्यपाल ने कहा कि भारत हमेशा से ही ज्ञान और प्रज्ञा का केंद्र रहा है। भारत ने सर्व धर्म समभाव की धारणा को अपनाया है। सबको शरण दी है। भारत की संस्कृति 5000 वर्ष पुरानी है। भारत ने ही विश्व को आदर्शों और मूल्यों का ज्ञान दिया। ब्रह्माकुमारीज करा रही हैं मानवता को आत्म बोध – माननीय राज्यपाल ने कहा कि इंसान सामूहिक रूप से रहता है। हमारे शास्त्रों में विश्व को एक परिवार माना गया है। इन सबका आधार वास्तव में आत्मिक भाव है। ब्रह्माकुमारीज सही अर्थों में आज वही कार्य कर रही हैं। मानवता को आत्मिक बोध करा रही हैं। स्वयं की पहचान ही सुखों की असली खान – ब्रह्माकुमारीज के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन ने अपने वक्तव्य में कहा कि भगवान ने सुख की सृष्टि रची थी। आज अपने कर्मों से मानव ने इसे दुःख की सृष्टि बना दिया। अति के बाद ही फिर से अंत होता है। पुनः परमात्मा आध्यात्मिक ज्ञान से सृष्टि को नया बनाते हैं। राजयोग के अभ्यास से ही जीवन में करुणा और दया का संचार होता है। दुःख का असली कारण जीवन में पांच विकारों का प्रभाव है। आध्यात्मिक ज्ञान से ही हम इन बुराईयों से मुक्त हो सकते हैं। ओआरसी की निदेशिका राजयोगिनी आशा दीदी ने अपने स्वागत वक्तव्य में कहा कि करुणा और दया जैसे मूलभूत गुणों की जागृति से ही मानव, मानव से जुड़ सकता है। राजयोगिनी चक्रधारी दीदी ने अपने प्रेरणादाई वक्तव्य में कहा कि करुणा और दया आत्मा में मानव और प्रकृति के प्रति कल्याणकारी भाव पैदा करते हैं। बीएमएल मुंजाल विश्व विद्यालय के कुलपति मनोज के अरोड़ा ने अपनी शुभ कामनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षा में आध्यात्मिकता को जोड़ना जरूरी है। आध्यात्मिक मूल्यों की जागृति से ही भारत विश्व गुरु बन सकता है। जीडी गोयंका विश्व विद्यालय के कुलपति डॉ तबरेज अहमद ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्था चरित्र निर्माण का असली कार्य कर रही है। असली सुख आध्यात्मिक जीवन में है न कि भौतिक साधनों के संग्रह में। कार्यक्रम में माननीय राज्यपाल ने कल्पतरूह अभियान के तहत पौधारोपण भी किया। सभी को करुणा और दया के संकल्प की प्रतिज्ञा कराकर फॉर्म भी भरवाया गया। बीके सुनैना ने सबको गहन राजयोग की अनुभूति कराई। कार्यक्रम का संचालन बीके हुसैन ने किया। कार्यक्रम में काफी संख्या में लोगों ने शिरकत की। कैप्शन:- 1. दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए माननीय राज्यपाल आरिफ मोहम्मद, आशा दीदी, बीके बृजमोहन, चक्रधारी दीदी, बीएमएल मुंजाल विश्व विद्यालय के कुलपति मनोज के अरोड़ा, जीडी गोयंका विश्व विद्यालय के कुलपति एवं डॉ. तबरेज अहमद ओआरसीकार्यक्रममें बोलते हुए माननीय राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ओआरसीकार्यक्रममें वृक्षारोपण करते हुए माननीय राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ओआरसीकार्यक्रम में मंचासीन वक्तागण ओआरसीकार्यक्रम में बीके बृजमोहन 7.ओआरसीकार्यक्रम में उपस्थित जन समूह ओआरसीकार्यक्रम में आशा दीदी...
सोई हुई शक्तियों को कैसे जगाए :: Rajyogi BK Suraj Bhai & Angel Shilpa.
विचार सागर मंथन करने की कला – राजयोगी बी के सूरज भाई