Brahma Kumaris
Education Wing National Meeting & Training

शिक्षा प्रभाग का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित
– अब यौगिक साइंस में भी कर सकेंगे पीएचडी, ब्रह्माकुमारीज़ के शिक्षा प्रभाग ने देश की जानी-मानीं यूनिवर्सिटी के साथ साइन किया एमओयू
जयपुर/राजस्थान। ब्रह्माकुमारीज़ के राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के शिक्षा प्रभाग का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन (25 से 27 नवंबर, 2022) पीस पैलेस, मुरलीपुरा, जयपुर में आयोजित किया गया। इसमें देशभर से 100 से अधिक प्रभाग से जुड़े विद्वानों ने भाग लिया। तीन दिन तक सभी विद्वानों ने गहन चिंतन-मनन कर निष्कर्ष निकाला कि यदि युवा पीढ़ी और बच्चों को मूल्यों से जोड़ना है, उन्हें आध्यात्म और मेडिटेशन से जोड़ना है तो अनिवार्य रूप से इसके लिए उन्हें एकेडमिक सेशन में यह शिक्षा किसी न किसी रूप में देना होगी।
चार कैटेगिरी में बांटकर मूल्य शिक्षा देने पर बनी सहमति-
अधिवेशन में सभी सहभागियों ने मूल्य एवं आध्यात्मिकता की शिक्षा विद्यार्थियों के लिए चार वर्ग- स्कूल शिक्षा, कॉलेज- यूनिवर्सिटी शिक्षा, रिसर्च और एचआरडी ग्रुप में बांटकर देने के लिए अपनी सहमति जताई। चारों ग्रुप में सभी सहभागियों को अपनी रूचि के अनुसार ग्रुप में रखा गया। साथ ही विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों को भी मूल्य शिक्षा देने पर जोर दिया गया।
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पहली कैटेगिरी-
स्कूल सेवा के लिए ये सुझाव आए सामने-
1. श्रीकृष्ण के जीवन की 16 कलाओं पर कहानियां बनाना ताकि उन पर एकेडमिक सेशन लिया जा सके।
2. रोल मॉडल्स के जीवन के प्रसंग पर एक बुक बना सकते हैं, जिसके आधार से बच्चों को वैल्यूज सिखा खा सकते हैं।
3. पपेट शो तैयार कर स्किट्स लिख सकते हैं।
4. टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम के माध्यम से टीचर्स को तैयार कर सकते हैं।
5. प्रश्नावली तैयार करना, उनके अंदर जो वैल्यूज हैं उसे जानने के लिए डू यू नाउ योरसेल्फ विषय पर प्रश्नावली तैयार करना।
6. पेरेंट मीट के माध्यम से बच्चों के अविभावकों को जोड़ सकते हैं। पेरेंट से पूछना है- उन्हें बच्चों की कौन सी बातें अच्छी लगती हैं। साथ ही बच्चों से पूछे कि उन्हें पेरेंट की कौन सी बात अच्छी लगती है। बच्चों को अच्छा लगेगा कि पेरेंट मेरी इस वैल्यू को प्रोत्साहित करते हैं तो वह उसे और डेवलप करेंगे।
7. बच्चों को मन की बातें लिखने के लिए बताएं। साथ ही भगवान के लिए पत्र भी लिखवाना।
8. बच्चों का मनोबल बढ़ाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें। अपना अनुभव साझा करने के लिए कहें और बेहतर प्रदर्शन पर सम्मानित करें।
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इन एक्टिविटीज से बढ़ेगा बच्चों का मनोबल-
1. दो पेड़ बच्चों को दिखाएं एक हरा-भरा व फल-फूल से लदा हुआ और एक सूखा, फिर उनसे पूछना है कि कौन सा अच्छा लग रहा है। उन्हीं से जवाब मिलेंगे। फिर समझाना है जैसे हरा-भरा वृक्ष अच्छा लगता है, वैसे ही मूल्यों से भरा व्यक्तित्व अच्छा लगता है।
2. कोई पांच वैल्यूज बोर्ड पर लिखें। बच्चों को उस अनुसार डिवाइड करें तो अगले सेशन तक वह वैल्यू उस बच्चे की आइडेंटिटी बन जाएगा।
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दूसरी कैटेगिरी-
कॉलेज और यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियों की सेवा के लिए आए सुझाव-
1. शिक्षकों के लिए- सत्र, कार्यशालाएं, प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम (तीन माह/छह माह/ एक वर्ष), परामर्श, परामर्श प्रशिक्षण, व्हाट्सएप्प संदेशों के माध्यम से परामर्श।
2. विद्यार्थियों के लिए- सत्र, कार्यशालाएं, प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम (तीन माह / छह माह / एक वर्ष), परामर्श।
3. मूल्य शिक्षा पाठ्यक्रम
4. थॉट लैब, मेडलैब सत्र
5. यातायात नियंत्रण-सकारात्मक दृष्टिकोण
6. आपकी समस्याएं, आपके समाधान
7. वैल्यू गेम्स, नारे
8. आध्यात्मिक मनोरंजन पार्क, ध्यान केंद्र
9. शांत कमरा/माई स्पेस/माइंड जिम/माइंड स्पा
10. अपने आपको जानो
11. स्किट्स
12. रोल प्ले, गाने, वीडियो
13. ग्राफिक्स, 3डी होलोग्राम
14. कठपुतली शो, आध्यात्मिक उत्सव
15. छात्रों के लिए एकाग्रता, मेमोरी टेक्नीक, रीडिंग टेक्नीक, परीक्षा भय, तनाव प्रबंधन के बारे में प्रशिक्षित करना। इन जानकारियों को वैज्ञानिक आधार पर पुष्टि कर ली जाए ताकि विद्यार्थी उसे आसानी से स्वीकार्य कर सकें।
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एचआरडी टीम-
1. बीके शिक्षक के समग्र सशक्तिकरण द्वारा सेवाओं में वृद्धि।
2. बेहतरी के लिए प्रशिक्षण, नवाचार और रचनात्मकता के माध्यम से सेवाओं को विस्तार देना।
3. ज्ञान और कौशल का संवर्धन।
4. पहले वर्ष में 500 प्रशिक्षु तैयार करना।
5. प्रत्येक संसाधन संपन्न व्यक्ति की सुधार आवश्यकताओं की पहचान करना। विंग के प्रत्येक सदस्य को कुशल बनाना।
6. व्यापक सामाजिक और नैतिक विकास को बढ़ावा देना।
7. दुनिया भर में लगभग 15 लाख बीके हैं। एचआरडी टीम ऐसी नवोदित प्रतिभाओं को प्रशिक्षित करने की योजना बना रही है।
8. सभी बीके विद्यार्थियों की क्षमता का विकास करने स्वर्णिण भारत की स्थापना में सहयोगी बनाना।
9. टैलेंट मैनेजमेंट ड्राइव के जरिए बीके की क्षमताओं को बढ़ाना।
11. कार्यक्षेत्र- एसएमई (विषय वस्तु विशेषज्ञ) डिजिटल स्किल्स, सॉफ्ट स्किल्स, पब्लिक स्पीकिंग स्किल्स, टीडीपी स्किल्स, लीडरशिप स्किल्स का विकास करना।
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विद्वानों के विचार-
- समाज में बदलाव शिक्षा के माध्यम से ही आता है। वर्तमान परिवेश में नई पीढ़ी के लिए रोजगारमूलक शिक्षा के साथ मूल्य एवं आध्यात्मिक शिक्षा बहुत जरूरी है, जिसका संदेश देने के लिए शिक्षा प्रभाग द्वारा चिंतन-मंथन और मनन करने के लिए तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया गया।
– डॉ. बीके मृत्युंजय भाई, अध्यक्ष, शिक्षा प्रभाग; कार्यकारी सचिव, ब्रह्माकुमारीज, माउंट आबू
- नई टेक्नोलॉजी के साधनों के साथ बीके शिक्षाविद समाज में सरल से सरल तरीके से कैसे मूल्य एवं आध्यात्मिक, मेडिटेशन की शिक्षा दे सकें – इसके लिए तीन दिवसीय अधिवेशन आयोजित किया गया। शिक्षा प्रभाग की सेवा में जुटे बीके भाई-बहनों के लिए इसमें कई अहम जानकारियां मिलने के साथ एक समग्र दृष्टिकोण का विकास होगा।
– बीके शीलू दीदी, वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका एवं उपाध्यक्ष, शिक्षा प्रभाग
इन्होंने भी व्यक्त किए अपने विचार-
- जयपुर में थॉट्स लेबोरेटरी के संचालक बीके मुकेश भाई ने कहा कि जिस तरह आज आधुनिक शिक्षा, कंप्यूटर शिक्षा, वेसिक शिक्षा जरूरी है, वैसे ही नई पीढ़ी के लिए ये शिक्षा देना भी जरूरी है कि माइंड मैनेजमेंट कैसे करें? निगेटिव थॉट्स को पॉजि़टिव में कैसे बदलें। मन की शक्ति कैसे बढ़ाएं।
- पुणे से आयीं बीके सुप्रिया बहन ने कहा कि पुणे की एमआईटी यूनिवर्सिटी ने अपने प्रत्येक विद्यार्थी के लिए राजयोग मेडिटेशन कोर्स को अनिवार्य कर दिया है। राजयोग कोर्स करने के बाद ही उन्हें डिग्री प्रदान की जाती है। यदि इसी तरह का कदम अन्य यूनिवर्सिटी भी उठाए तो विद्यार्थियों में मेडिटेशन को लेकर रूचि बढ़ेगी।
- दिल्ली से आयीं शिक्षाविद मोनिका शर्मा ने कहा कि आजकल के बच्चे पढ़ना नहीं चाहते हैं। वह कॉलेज तो जाते हैं लेकिन मात्र अटेंडेंस के लिए। क्योंकि वह सोचते हैं कि पढ़ाई तो यूट्यूब से भी कर लेंगे। ऐसे में उन्हें क्लास में बैठकर पढ़ाई के लिए मानसिक रूप से तैयार करना बड़ी चुनौती है जो केवल मूल्य शिक्षा से ही संभव है।
- गुजरात से आये स्टार्टअप यूनिवर्सिटी में स्टार्टअप डेवलपर पीयूष भाई ने कहा कि आज के समय में जिसके पास भी कोई नया आईडिया हो तो वह उसे पेटेंट करवा सकता है।
- नई दिल्ली हरिनगर से आयीं राजयोग शिक्षिका बीके नेहा बहन ने कहा कि यूजीसी ह्यूमन वैल्यूज को लेकर काम कर रही है। जेएनयू, इस्लामिया जामिया यूनिवर्सिटी और दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी में मूल्य एवं आध्यात्मिक शिक्षा के लिए एमओयू साइन करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।
- दिल्ली से आये मास्टर ट्रेनर डॉ. सुभाष चन्द्र सारंगी ने कहा कि कॉलेज स्टूडेंट स्प्रिचुअल एजुकेशन से जोड़ना है तो उन्हें सॉफ्ट स्किल, माइंड पावर, मेमोरी पावर, थॉट्स पावर से जोड़कर एजुकेशन देना होगी।
- जयपुर की स्प्रिचुअल कांउन्सलर बीके चित्रा बहन ने कहा कि थॉट्स लैब के माध्यम से स्टूडेंट्स की काउंसिलिंग कर उनके थॉट्स लेवल को परखकर उन्हें गाइड करते हैं। लैब से अनेकानेक विद्यार्थी के सोचने का नजरिया बदल गया है। उनके विचारों में पॉजिटिविटी का लेवल बढ़ा है। संचालन शिक्षा प्रभाग की नेशनल कोऑर्डिनेटर बीके सुमन दीदी ने किया।