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Moscow (Russia) रूस के मॉस्को में “डिजिटल युग में भावनात्मक स्थिरता” (Emotional Stability in the Digital Age!)

ब्रह्माकुमारीज़ समाज सेवा प्रभाग के सदस्यों की मॉस्को यात्रा
विषय: “डिजिटल युग में भावनात्मक स्थिरता” (Emotional Stability in the Digital Age!)
ब्रह्माकुमारीज़ राजयोग शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (RERF), माउंट आबू, राजस्थान, भारत के समाज सेवा प्रभाग के सदस्यों का एक विशेष दल हाल ही में मॉस्को के प्रवास पर पहुँचा। इस सेवा यात्रा में समाज सेवा प्रभाग के राष्ट्रीय संयोजक बी.के. अवतार भाई, मुख्यालय संयोजक बी.के. बीरेंद्र भाई सहित कुल 23 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल सम्मिलित रहा।
समाज सेवा प्रभाग का उद्देश्य:
ब्रह्माकुमारीज़ का समाज सेवा प्रभाग राजयोग एजुकेशन एण्ड रिसर्च फाउंडेशन का एक प्रमुख प्रभाग है, जिसका उद्देश्य भारत सरकार एवं अन्य समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग के साथ मिलकर समाज से विभिन्न कुरीतियों, असमानताओं व दुर्व्यसनों को दूर करने में सक्रिय भागीदारी निभाना है। यह प्रभाग “व्यक्तित्व निर्माण के माध्यम से राष्ट्र निर्माण” की भावना से प्रेरित होकर कार्य करता है।
आदर-सत्कार एवं सम्मान समारोह:
मॉस्को पहुँचने पर सभी प्रतिनिधियों का हर्षोल्लास के साथ स्वागत किया गया। बी.के. सुधा दीदी, निदेशिका ब्रह्माकुमारीज़, रूस के निर्देशन में भारत से पहुंचे सभी भाई बहनों को स्मृति चिन्ह, पुष्पगुच्छ एवं शुभकामना संदेश देकर सम्मानित किया गया।
मुख्य सार्वजनिक कार्यक्रम:
समाज सेवा प्रभाग के राष्ट्रीय संयोजक बी. के. अवतार भाई के नेतृत्व में इस यात्रा के दौरान एक सार्वजनिक कार्यक्रम हुआ, जिसका विषय था — “डिजिटल युग में भावनात्मक स्थिरता”।
इसमें वक्ता के रूप में उपस्थित रहे:
- श्री दीपक गौरी, प्रथम सचिव (समुदाय मामलों के प्रभारी), भारतीय दूतावास, मॉस्को
- बी.के. सुधा दीदी, निदेशिका, ब्रह्माकुमारीज़, रूस
- बी.के. अंकिता, सब जोनल कोऑर्डिनेटर समाज सेवा प्रभाग, अजमेर
- बी. के. श्वेता, राजयोग शिक्षिका, ओ आर सी, दिल्ली
कार्यक्रम की विशेषताएं:
इस कार्यक्रम का संचालन बी.के. विक्टोरिया डेरज़ाविना ने किया, जो एक जानी-मानी भाषाविद् एवं स्क्रिप्ट राइटर हैं।
मुख्य चर्चा बिंदु:
सत्र में निम्न बिंदुओं पर गहन विचार-विमर्श हुआ:
- डिजिटल तकनीकें भावनात्मक स्थिरता को कैसे प्रभावित करती हैं
- सूचना के अत्यधिक स्रोतों के बीच विश्वसनीय जानकारी की पहचान कैसे करें
- मल्टीटास्किंग से उत्पन्न मानसिक विखंडन से कैसे बचें
- क्रिएटिविटी पर डिजिटल प्रभाव और उसका समाधान
- डिजिटल माध्यमों से सकारात्मक ऊर्जा कैसे प्राप्त करें
- वास्तविक विश्रांति और रिचार्जिंग के आध्यात्मिक उपाय
- आध्यात्मिकता में डिजिटल साधनों की भूमिका क्या हो सकती है
वक्ताओं ने डिजिटल युग में बढ़ती असुरक्षा, तनाव, मल्टीटास्किंग, सूचनाओं की भीड़ और भावनात्मक अस्थिरता के बीच मानसिक शांति और आंतरिक स्थिरता बनाए रखने पर गहन चर्चा की।
युवा व वरिष्ठ पीढ़ियों के लिए यह आयोजन अत्यंत लाभकारी रहा, साथ ही भारत व रूस के बीच संस्कृति, मूल्यों और आध्यात्मिकता के आदान-प्रदान की दिशा में एक और सकारात्मक कदम सिद्ध हुआ।