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Brahma Kumaris

Indore OSB – दादी जानकी जी के प्रथम पुण्य स्मृति दिवस के अवसर श्रद्धांजलि कार्यक्रम-Tributes Paid to Dadi Janki on Her 1st Ascension Anniversary

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’’संसार की सबसे स्थितप्रज्ञ योगी दादी जानकी की मनाई प्रथम पुण्यतिथि’’

इंदौर,25 मार्च। 104 वर्ष की आयु तक 140 देशो  में यात्रा कर लाॅखों आत्माओं के जीवन में आध्यात्मिकता का प्रकाश  फैलाने वाली संसार की सबसे स्थितप्रज्ञ राजयोगिनी दादी जानकी की प्रथम पुण्यतिथि ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी सभागृह ज्ञान शिखर ओमशांति भवन में मनाई गई।
इस अवसर पर अपनी भाव सुमनांजलि अर्पित करते हुए इंदौर जोन की मुख्य क्षेत्रीय समन्वयक ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि दादी जानकी को परमात्मा शिव ने ईश्वरीय  ज्ञान में आते ही ’’जनक बच्ची’’ का टाईटल दिया। जिस प्रकार राजा जनक की कहानी सुनते हैं कि वे राजमहल में रहते भी ऋषि की तरह रहे, महल उनके अंदर नहीं बसा। इसी प्रकार दादी जानकी ने दो शब्दों में मैं कौन और मेरा कौन अर्थात्् मैं आत्मा सृष्टि चक्र में सर्वश्रेष्ठ पार्टधारी आत्मा हॅू और मेरा कौन अर्थात् एक ईश्वर  पिता ही मेरा सर्वस्व है। दो शब्दों में सारे ज्ञान का सार अपने जीवन में समाकर एक भगवान के साथ इतना गहन रिश्ता  जोड़ लिया कि बड़े-बड़े वैज्ञानिकों ने उनके मन का परीक्षण कर उन्हें संसार की सबसे स्थित प्रज्ञ योगी का खिताब दिया। दादीजी सदा परमात्म प्यार में लीन रहती थी, उनकी दृष्टि से ही परमात्म प्यार की अनुभूति होती थी। इसलिए उनके सानिध्य में आने वालें देश -विदेशो  में अलग-अलग धर्म, संस्कृति और भाषा के लोग सब कुछ भूलकर सत्य स्वरूप आत्मा की और परमात्मा की अनुभूति कर अपने जीवन का परिवर्तन कर लेते थे। दादीजी वर्ष 2007 से 2020 तक ब्रह्माकुमारी संस्थान की मुख्य प्रशासिका  रही। इस दौरान 3 बार इंदौर में उनका आगमन हुआ।
इस अवसर पर पूर्व महापौर डाॅ. उमाशशि शर्मा ने दादीजी के साथ का संस्मरण सुनाते हुए कहा कि मैं आज से 35 वर्ष पूर्व लंडन में दादीजी के सम्पर्क में आई तो मैंने महसूस किया कि दादी आध्यात्मिक शक्ति से सम्पन्न है उनके सम्पर्क में आते ही हरेक को शांति, प्रेम, ख़ुशी  और अपनेपन की अनुभूति होती थी। कितने भी तनावग्रस्त लोग तनावमुक्त हो जाते हैं। दादीजी का जीवन ही सबको निःस्वार्थ भाव से दाता बन बांटने के लिए ही है।
कुषाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्व  विद्यालय रायपुर के पूर्व कुलपति डाॅ. मानसिंह परमार ने कहां कि माउंट आबू में मीडिया सम्मेलन में मुझे कई बार दादी से मिलने का सुअवसर मिला दादीजी सदा ही पत्रकारिता में मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा देती थी, उन्होंने पश्चिम देशों में ईश्वरीय  सेवाओं का जो विस्तार किया वह बेमिसाल है। उन्होनें जानकी फाउंडेशन के माध्यम से अनेकों लोक कल्याण का कार्य किया।
ब्रह्माकुमारी अनिता ने कहां कि दादी जी  एक आध्यात्मिक लीडर के रूप में ईश्वरीय  ज्ञान और राजयोग को विश्व  के अनेकानेक देशों  में फैलाने की सशक्त माध्यम बनी। इसलिए दादीजी की पुण्य तिथि (27 मार्च) को सारे  विश्व  में ’’वैश्विक आध्यात्मिक जागृति दिवस’’ के रूप में मनाया जायेगा। माउंट आबू में दादीजी की यादगार ’’शक्ति स्तंभ’’ का लोकार्पण किया जायेगा।

Indore OSB – दादी जानकी जी के प्रथम पुण्य स्मृति दिवस के अवसर श्रद्धांजलि कार्यक्रम-Tributes Paid to Dadi Janki on Her 1st Ascension Anniversary