Brahma Kumaris
Padma Shri awardees from across the country were honored

देशभर से आये 17 पद्मश्री से नवाजित विभूतियों का सम्मान
मानवता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म, इससे जीवन में मिलता है सुख-शिवानन्द स्वामी
आबू रोड, 9 मई, निसं। वाराणसी के 126 साल के स्वामी शिवानन्द ने कहा कि यदि मनुष्य जीवन में संयम और नियम हो तो वह अपनी मृत्यु पर भी विजय पा सकता है। योग और नियम दोनों ही मनुष्य के लिए ऑक्सीजन की तरह काम करते हैं। उक्त विचार 126 साल के योग टीचर वाराणसी के स्वामी शिवानन्द ने व्यक्त कि ये। वे ब्रह्माकुमारीज संस्थान के स्पार्क प्रभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में डायमंड हॉल में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि इच्छाएं मनुष्य को कमजोर करती हैं। यदि मनुष्य की इच्छाएं समाप्त हो जाये तो उसके जीवन में प्रकाश आ जायेगा। भारत की संस्कृति और सभ्यता दुनिया में सभी संस्कृतियों में श्रेष्ठ है। ब्रह्माकुमारीज संस्थान का राजयोग ध्यान यदि हमारे जीवन का हिस्सा बने तो हम सर्वांगीण विकास कर सकते हैं।
इस अवसर पर ब्रहाकुमारी ज संस्थान के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन ने कहा कि जब हम अपने क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने पर श्रेष्ठ सम्मान प्राप्त होता है। अपने अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए समाज के साथ सरकार दोनो से ही यह उपाधि मिलती है। मनुष्य यदि अपने जीवन में श्रेष्ठ कर्म करने का संकल्प कर लें तो हम अपने आचरण को दैवी हो जायेगा। ब्रह्माकुमारीज संस्थान के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय ने कहा कि हमारी संस्कृति अतिथि देवो भव की रही है। मुझे यकीन नहीं था कि इतनी बड़ी संख्या में पद्मश्री पहुंचेंगे और उनका सम्मान होगा। इससे समाज में विशिष्ठ कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। परमात्मा ने हमें यह जीवन लोगों की सेवा के लिए समर्पित करना चाहिए।
ये पहुंचे पदमश्री से सम्मानित विभूति:
इंडियन बायोफिजिकल वैज्ञानिक कर्नाटक प्रो0 रामकृष्णा विजया, पदमश्री कर्नाटक माधुरी बर्थवाल, राजस्थान के पदमश्री श्याम सुन्दर पालीवाल, पदमश्री श्रीमति उषा चौहान, पद्मश्री सुन्दर राम वर्मा, यूपी के एडवोकेट पद्मश्री एडवोकेट रोमेश गौतम, राजस्थान के पद्मश्री हिम्मत राम भाम्बू, राजस्थान के पद्मश्री उस्ताद अनवर मंगानियार, गुजरात के पद्मश्री जगदीश पारीख, राजस्थान के पद्मश्री गुलाब सपेरा, महाराष्ट्र के हिम्मत राव सालुबा बावास्कर, यूपी के पदमश्री उस्ताद गुलफाम अहमद, ओडि़सा के पी साबरमती, गुजरात के पद्मश्री गेनाभाई दरगाभाई पटेल, बिहार के पद्मश्री जगदीश प्रसाद सिंह तथा हिमाचल प्रदेश के पद्म श्री विद्यानन्दा सारीक शामिल हुए।
इन अतिथियों को शॉल और मोमेंटो भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में योग ध्यान बीके सरोज तथा धन्यवाद प्रस्ताव बीके अल्का ने किया।