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श्रीनगर गढ़वाल (उत्तराखंड) में श्रीमद्भगवद्गीता महासम्मेलन आयोजित – Shrimad Bhagwadgita Conference

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श्रीमद्भगवद्गीता को पढ़ने तथा उन विचारों को आपने जीवन में उतार कर पूरे संसार में एक खुशहाली का संदेश देने का आह्वान 

श्रीनगर गढ़वाल (उत्तराखंड) में श्रीमद्भगवद्गीता महासम्मेलन आयोजित 

सम्मेलन में जगद्गुरु महामंडलेश्वर संत समाज ने किया प्रतिभाग

सत्धर्म की पुनर्स्थापना के लिए हर मानव को परिवर्तन लाने की जरूरत- बीके ऊषा

श्रीनगर गढ़वाल  । प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल सेवाकेंद्र के तत्वावधान में श्रीनगर में श्रीमद्भगवद्गीता महासम्मेलन बड़े धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिसमें विभिन्न पीठों के जगद्गुरु एवं महामंडलेश्वर समेत पूरे गढ़वाल भर के मठ-मंदिरों के पुजारियों एवं माई-संतों का सम्मान किया गया। इसके साथ ही वक्ताओं ने श्रीमद्भगवद्गीता गीता को पढ़ने तथा उन विचारों को अपने जीवन में उतारकर पूरे संसार में एक खुशहाली का संदेश देने का आह्वान किया गया।

सर्राफा धर्मशाला श्रीनगर में आयोजित श्रीमद्भगवद्गीता महासम्मेलन में अयोध्या से पहुंचे धर्मचक्रवर्ती महायोगी जगदगुरु स्वामी ओंकारानंद महाराज ने कहा कि गीता का ज्ञान ईश्वरीय सौगात से कम नहीं है। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विवि द्वारा जो ईश्वरीय ज्ञान बांटकर आज विश्वभर में अलख जगाने का प्रयास किया है, वह सराहनीय है। उन्होंने कार्यक्रम में बुलाने पर आयोजकों का आभार प्रकट किया।

संस्थान के मुख्यालय माउंट आबू से पधारे सुप्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वक्ता बीके डॉ. ऊषा दीदी ने कहा कि अब सतधर्म के पुर्नस्थापना का समय आ गया है। इसलिए गीता में परमात्मा द्वारा दिये गये ज्ञान का प्रवाह होना जरूरी है। जब अधर्म होता है तो सतधर्म की पुर्नस्थापना का समय आता है। इसके लिए सारी सृष्टि को पावन बनाने का कार्य, परमात्मा ज्ञान को धारण करके  एक परिवर्तन आरंभ करना होगा। यह तभी संभव है जब खुद से एक व्यक्ति जिम्मेदारी ले,इससे एक से अनेक परिवर्तन समाज के भीतर होंगे और धीरे-धीरे सतधर्म की स्थापना होगी। जिस तरह से समाज में संत-समाज ने पवित्रता का संदेश संस्कृति के अंदर दिया है। उसी तरह से प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विवि भी समाज में गीता यात्रा के तहत समाज को ज्ञान के सागर से भरने का कार्य कर रहा है।

इस मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीकृष्ण जन्मभूमि निर्माण न्यास वृन्दावन आचार्य देवमुरारी बापू, वरीष्ठ महामंडलेश्वर अनंत विभूषित जगदगुरु स्वामी यतीन्द्रानंद गिरी महाराज जूना अखाड़ा जीवनदीप पीठाधीश्वर रुड़की। बालाजी धाम हरिद्वार से महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी महाराज, प्रसिद्ध समाजशास्त्री महाराष्ट्र से पूर्व आई.ए.एस स्वामी कमलानंद ने अपने विचार रखे । संस्थान  के एडिशनल सेक्रेटरी जनरल आदरणीय भ्राता बृजमोहन जी ने पवित्र सृष्टि बनाने में सभी को आगे आने का आह्वान करते हुए कार्यक्रम में पहुंचे सभी लोगों का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय निदेशक राजयोगी बीके मेहरचंदबीके नीलम ने किया।

इस मौके पर बी.के रानी बहन सहारनपुर द्वारा सभी को राजयोग की अनुभूति कराई गई। तथा  ज्ञान सरोवर माउंट आबू से पधारे  बहुमुखी प्रतिभा के धनी ब्रह्माकुमार नितिन भाई जी  ने आध्यात्मिक गीतों की प्रस्तुति से सभी का मनोरंजन किया। बी.के ऊषा बहन असन्ध द्वारा आए हुए पूजनीय तपस्वी संत महात्माओं का कार्यक्रम में पहुंचने पर आभार प्रकट किया।  इस कार्यक्रम में बी.के करमचंद, बी.के राधेश्याम, बी.के आनंद, बी.के रघु बी़.के़ विजय, बी.के मुकेश (अयोध्या) भोपाल सिंह चौधरी सहित बड़ी संख्या में स्थानीय जनता मौजूद थी।